Chota Idea Part 3
ChotA IdeA Part - 1 LINK
https://rajivmishra1902.blogspot.com/2021/12/chota-idea-1-by-rajiv-mishra.html
ChotA IdeA Part - 1 LINK
https://rajivmishra1902.blogspot.com/2021/12/chota-idea-2-by-rajiv-mishra.html
निवेदन :-
लेख में सॉफ्टवेयर के कारण कोई शब्द या व्याकरण सम्बंधित त्रुटि हो सकती है, इसका अर्थ, व्यर्थ में ना निकालें
नमस्कार दोस्तों,
YOU KNOW- कि मार्केटिंग मेरे खून में है।
मेरी नसों में खून से ज्यादा बिज़नेस आइडिया दौड़ते है।
मेरे आईडिया आपको रातों रात अमीर बना देंगे।
ऐसी बकवास की उम्मीद मुझसे या किसी से भी बिलकुल ना रखें क्योंकि जब तक आप खुद रिसर्च नहीं करेंगे तब तक किसी का भी कोई आईडिया आपके काम नहीं आएगा।
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Lat's talk about one of the idea but you must have some time for it!!
"Perfection needs time & hard work."
बचपन से लेकर जवानी तक और फिर बुढ़ापे से मरने तक हम क्या करते है और क्यों करते है इस सवाल के बारे में बहुत ही कम लोग सोचते है। जब भगवान् को हमें अपने पास बुलाना ही है तो हमें जन्म क्यों दिया ?? मैं हमेशा से सोचा करता था कि आखिर मेरा जन्म क्यों हुआ है और फिर एक दिन मुझे जो जवाब मिला उसने मुझे जिंदगी जीने का मकसद दिया है। मुझे करीब से जानने वालों को पता है की मैं किन कठिनाइयों से जूझ रहा हूँ पर गम नहीं है।
"दिल दरिया और आँखें रेगिस्तान, पानी की एक भी बूँद नहीं मिलेगी"
जब मैं छोटा था तो घर के पास में एक बुक शॉप थी जंहा पर हिंदी कहानियों की किताबें मतलब कॉमिक्स किराए पर मिलती थी। मैं उन्हें 1 रुपया प्रतिदिन किराए पर लाता था और पढ़ कर वापस कर देता था। उन कॉमिक्स का हर महीने एक भाग आता फिर अगले महीने दूसरा भाग। उन कॉमिक्स में से एक कॉमिक्स में एक बड़ी रोचक कहानी का एक भाग छपा था और वो कहानी मुझे बड़ी अच्छी लगी और मैं उसे पूरा का पूरा अपनी कॉपी में रोज लिखता था और तभी से मुझे लिखने का शौक चढ़ा पर मैं लिखता सिर्फ अपने लिए था केवल अपने लिए।
कहानी कुछ इस तरह से थी कि एक गाँव में एक बहुत अमीर व्यक्ति था। गाँव में जब कभी भी कोई मुसीबत आती तो वह सेठ हमेशा लोगो की मदद के लिए तैयार रहता था। सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था। गाँव में किसी के घर लड़की की शादी होती थी तो लड़की के घर वाले सेठ के पास मदद के लिए जाते थे और सेठ स्वभाव स्वरूप उसकी मदद करता। किसी के घर में कोई भी बीमार होता था तो वो सेठ से पैसे लेकर इलाज करा लेता था। किसी के बच्चे को दूर शहर पढाई के लिए जाना हो तो वो सेठ से मदद लेते थे। सभी लोग उसे भगवान् की तरह मानते थे। एक तरह से सेठ गाँव वालो का मसीहा था।
एक दिन अचानक सेठ की मृत्यु हो गई ! पुरे गाँव में चीख पुकार मच गया। सब जगह मातम सा छा गया। खेत - खलिहान, नदी - नाले, घर - गालियां सब वीरान हो गया। बच्चा - बूढ़ा, महिला - पुरुष सब के सब सेठ के घर के बाहर जमा हो गए। उनके दुःख की कोई सीमा नहीं थी। हर शख्स दहाड़ें मार - मार कर रो रहा था उस सेठ की मृत्यु पर।
ऐसा कोई गरीबों की मदद करने वाला सैकड़ों वर्षों में एक जन्म लेता है और आज उसका अंत हो गया !!!
पर "होइहि सोइ जो राम रचि राखा"
इतने महान व्तक्ति को लेने के लिए स्वयं यमराज और चित्रगुप्त को आना पड़ा, फूलों से सुसज्जीत वाहन लेकर। पुरे सम्मान के साथ यमराज अपने भवन में ले गए और अपने बराबर में बिठाया। अब भगवान् के सामने दरबार में जंहा सबके कर्मों का फैसला होता है कि कौन स्वर्ग में जाएगा और कौन नर्क में। सेठ को भी दरबार ले जाने के लिए स्नान करा कर, चन्दन का लेप लगा कर, स्वेत वस्त्र पहनाएं गए। सेठ की छवि ऐसी प्रतीत होती थी जैसे सैकड़ों तारें एक साथ एक जगह एकत्रित हो गएँ हों। सेठ को पंक्ति में खड़ा किया गया , सभी उनका सम्मान कर रहे थे। सबको भलीभांति प्रतीत था की सेठ को स्वर्ग भेजा जाएगा तो स्वर्ग की अप्सराएं भी उनके स्वागत को तैयार थी।
पंक्ति छोटी होती जा रही थी और सेठ का सम्मान बढ़ता जा रहा था। अब सेठ भगवान् के सामने हाथ जोड़ें खड़े थे।
भगवान् बोले "इस सेठ को नर्क में भेजा जाए!!"
सभी को अपने कानो पर विश्वास नहीं हुआ कि उन्होंने नर्क सुना। सेठ भी अवाक रह गया, बोला "भगवन मुझे नर्क क्यों ?" मैंने लोक सेवा में न दिन देखा न रात, न आंधी की चिंता न तूफ़ान का डर !! हमेशा ही सबकी मदद की। मैंने जीवन में कोई पाप ही नहीं किया और फिर भी मुझे नर्क ???
आखिर क्यों, क्यों ?
भगवान् बोले " To be continued........"
आखिरी पंक्ति यही लिखी थी और नीचे लिखा था - जानने के लिए अगला भाग पढ़ें।
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लम्बी रेस के घोड़े हमेशा धीरे धीरे ही दौड़ते है। बिज़नेस का पहला नियम "जल्दबाजी ना करें"। कहानी से ही बिज़नेस आईडिया मिलेगा।
आपका क्या विचार है STORY के बारे में COMMENT करके जरूर बताएं। क्योंकि फिर मिलेगा आपको एक छोटा आईडिया।
Regards
RAJIV MISHRA
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