TEACHING TECHNIQUE:
HOW TO DEAL WITH LATECOMERS IN CLASS.
1. कक्षा में अनुशाशन सम्बंदित समस्या
कक्षा में देर से आने वाले छात्र को कैसे सुधारे ।
ज्यादातर शिक्षक अपना कीमती समय छोटी-छोटी अनुशाशन सम्बंदित समस्या में बर्बाद करते है जिसे
वो आसानी से संभाल सकते है। शिक्षक गुस्सा
होकर शिक्षक-छात्र दके व्यवहार को बिगाड़ देते है। अब छात्र को पढाई से कोई मतलब नहीं होता है और अपने
गुस्से के कारण शिक्षक भी अच्छे तरीके से नहीं पढ़ा पाते है जिस कारण पूरी कक्षा का
माहौल बिगड़ जाता है।
आप अपनी कक्षा 5 मिनट से शुरू कर चुके है और एक छात्र कक्षा में देर से प्रवेश करता है , आप क्या करेंगे ? क्या आप कक्षा को रोक
देंगे या उसे पूरी कक्षा के माहौल को बदलने देंगे ?
आमतौर पर मैं जिस कक्षा में बैठता हूँ वंहा के शिक्षक देर से आने वाले छात्र को
डाँटते है, या सजा देते है, या अपनी कक्षा से बाहर निकाल देते है ।
वह ऐसा इसलिए करते है ताकि छात्र अगली बार समय से कक्षा में पहुंचे पर वो होने
वाली हानि को नहीं देख पाते है।
जैसे क़ि:
क्या आपको लगता है की डांटने के तुरंत बाद वह छात्र पढाई में ध्यान दे पायेगा ( लाभ या हानि )
जब आप उस छात्र से बहस करते है तो तुरंत बाद आप भी पढ़ाने को पूरी तरह तैयार हो जाते है (लाभ या हानि
)
पहले से मौजूद छात्र, जो पढाई कर रहे थे उनका
भी ध्यान भंग हो गया (लाभ या हानि )
ऐसे कई अन्य नुक्सान होते है जो आगे छात्रों की पढाई पर असर करते है।
मैं ये नहीं कहता की देर से आने वाले छात्रों को समझाया ना जाये पर
आखिर इस नुक्सान वाली सिथित से कैसे बचे।
आज मैं आपको कुछ साधारण तरीके बताऊंगा जिससे आपको पढ़ाने का ज्यादा समय मिलेगा तथा आपका व्यवहार
भी अच्छा रहेगा।
1.
साफ़ शब्दों में अनुशासन सम्बंधित नियम
किसी भी स्कूल के वर्ष की पहली कक्षा में (दिल्ली में आमतौर पर 1 अप्रैल को ) साफ़-साफ़ शब्दों में समय पर आने
के नियम को छात्रों को समझा देना चाहिए ताकि
वह उनका पालन करें।
2.
चेतावनी देकर छोड़ना।
अगर कोई छात्र पहली बार देर से आया हो तो उसे चेतावनी देकर कक्षा में आने दिया
जा सकता है। एक से ज्यादा बार देर से आने पर
आप अन्य सुझावों का प्रयोग कर सकते है।
3.
“देर से आने वालो के लिए आरक्षित बैंच “
अपनी कक्षा में 1 या 2 बैंच देर से आने वाले छात्रों
के लिए दरवाजे के साथ या कोने में रखे । देर से आने वाले छात्र किसी भी तरह से कक्षा
के बीच में से होकर अपनी रोज की तय बैंच पर ना बैठें। इससे बाकि कक्षा के छात्रों की पढाई बाधित नहीं
होगी। “देर से आने वालो के लिए आरक्षित “ बैंच उन्हें अगली कक्षा में
समय पर आने के लिए प्रेरित करेगी। तथा वे अपनी
रोज की बैंच पर बैठने के लिए भी समय पर आएंगे।
4.
1 या 2 बार देर से आने पर "देरी की स्वकृति पत्र
"
मेरे साथी दिनेश चंद्र ने मुझे बताया की अपने
स्कूल के दिनों में वे रोजाना स्कूल समय पर जाते थे परन्तु एक दिन साइकिल खराब होने
के कारण वे समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाए तो उन्हें उस दिन कक्षा में प्रवेश नहीं करने
दिया गया। उसके बाद से लगभग पुरे वर्ष वह स्कूल
देर से जाने लगे।
अक्सर ऐसा
देखा जाता है की रोजाना समय पर आने वाले छात्र को अगर एक दिन देर से आने पर सजा मिलती
है तो वो भी पुरे वर्ष देर से आना शुरू कर देते है जैसा दिनेश जी के साथ हुआ। इस स्थिति से बचने के लिए आप “देर से आने पर "देरी की स्वकृति पत्र” उपलब्ध करवा सकते है।WRITE US FORE MORE IDEAS ABOUT LATENESS ...
Warm Regards
RAJIV MISHRA
Teacher Trainer
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